एक पड़ोसी जो किसी और से अलग है, खुद को अधोवस्त्र में डालती है और अपना अकेला समय बिताती है बस अपनी छिपी हुई खजाने को अपनी उंगलियों से खोजती है। वह सहती है, आनंद की राह पर कराहती है, खुद को खो देती है, अपनी स्पिन खो देती है, छोड़ देती है, वहां थकी और प्रफुल्लित।.