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एक आदमी आत्म-आनंद में लिप्त होता है, उसका हाथ विशेषज्ञता से अपने धड़कते सदस्य को सहलाता है। तीव्र लय और पकड़ वर्षों के अभ्यास को प्रकट करती है, जिससे एक विस्फोटक चरमोत्कर्ष होता है।.